सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025 में 57.5 टन सोना खरीदा. इस तरह से ग्लोबल मार्केट में जारी अस्थिरता के बीच रिजर्व बैंक ने अपनी सुरक्षित परिसंपत्ति की मात्रा को बढ़ा दिया है. साल 2017 के बाद से यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने एक साल के दरमियान इतना सोना खरीदा है.
मार्च 2025 तक RBI के पास इतना रहा सोना
दरअसल, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी सरकारी बॉन्ड में आई गिरावट ऐसे कई सारी वजहें हैं, जिसके चलते दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंकों ने आगे आने वाले समय में किसी भी संभावित जोखिम की स्थिति से बचने के लिए अपने सोने के भंडार को बढ़ाना जरूरी समझा. नई डेटा के मुताबिक, RBI के पास कुल सोने की मात्रा मार्च 2025 तक 879.6 टन तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल इसी दौरान यह 822.1 टन थी.
इस वजह से केंद्रीय बैंक खरीद रहे हैं सोना
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, RBI ने 2021-22 में 66 टन सोना खरीदा था. इसके बाद FY23 और FY24 में क्रमशः 35 टन और 27 टन सोने की खरीद की गई. खासकर, नवंबर 2024 में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के बाद डॉलर में खूब उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जिससे सोने की मांग बढ़ गई.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड की गिरती मांग को देखते हुए केंद्रीय बैंक सोने की खरीद पर अधिक फोकस कर रहे हैं. नुवामा में करेंसी और कमोडिटीज के हेड सजल गुप्ता का कहना है, दुनियाभर के सभी केंद्रीय बैंक अमेरिकी ट्रेजरी पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं और सोने के भंडार को बढ़ा रहे हैं.
फॉरेक्स रिजर्व में बढ़ा सोने का हिस्सा
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा है, जो 11 अप्रैल, 2025 तक बढ़कर 11.8 परसेंट हो गया है, जबकि पिछले साल यह 8.7 परसेंट था. रिजर्व बैंक को अपने बढ़े हुए सोने के भंडार से फायदा पहुंचा है क्योंकि इस दौरान सोने की कीमतों में 30 परसेंट से अधिक की वृद्धि हुई है.