पाकिस्तान में भारत का एक और दुश्मन मारा गया. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अबू कताल उर्फ कताल सिंधी की पंजाब प्रांत के झेलम जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई. अबू कताल पर शनिवार की रात को उस समय हमला हुआ, जब वो लश्कर चीफ हाफिज सईद के साथ मौजूद था. अबू कताल मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और भारत का मोस्ट वांटेड हाफिज सईद का करीबी था. कताल ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया. वो राजौरी और रियासी हमलों का मास्टरमाइंड था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अबू कताल के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की थी. बताया जा रहा है कि जब शनिवार की रात करीब आठ बजे अबू कताल को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी, उस समय आतंकी हाफिज सईद भी वहां मौजूद था. इस घटना से बाद से ही हाफिज लापता है.
लश्कर का चीफ ऑपरेशनल कमांडर था अबू कताल
हाफिज ने अपने भरोसेमंद अबू कताल को लश्कर-ए-तैयबा का चीफ ऑपरेशनल कमांडर बना दिया था. उसके ही नेतृत्व में लश्कर ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया. अटैक के लिए संगठनों के साथ मिलकर साजिश रचने, आतंकवादियों की भर्ती और सीमा पार घुसपैठ में उसे महारत हासिल थी. इसीलिए अबू कताल हाफिज के लिए काफी महत्वपूर्ण बन गया था.
राजौरी हमले का मास्टरमाइंड था अबू कताल
राजौरी जिले के ढांगरी गांव में एक जनवरी, 2023 को आतंकवादी हमला हुआ था. उसके अगले ही दिन आईईडी ब्लास्ट हुआ था. इन हमलों में दो बच्चों समेत सात लोग मारे गए थे और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में एनआईए ने 26 फरवरी, 2024 को जिन 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, उनमें तीन पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे. एनआईए ने अपनी चार्जशीट में लश्कर के तीन आतंकियों को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया. जिनकी पहचा सैफुल्लाह उर्फ साजिद जट्ट, मोहम्मद कासिम और अबू कताल उर्फ कताल सिंघी के रूप में हुई. अबू कताल और साजिद जट्ट तो पाकिस्तानी नागरिक थे, जबकि कासिम 2002 के आसपास पाकिस्तान चला गया था और वहां आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था.
9 जून, 2024 को रियासी में बस पर हमला
जम्मू-कश्मीर के रियासी में 9 जून, 2024 को तीर्थयात्रियों से भरी बस पर शाम करीब छह बजे आतंकी हमला हुआ था. 53 सीटर बस शिव खोड़ी मंदिर से कटरा की ओर जा रही थी. आतंकियों ने बस पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. एक गोली ड्राइवर को लग गई, जिसके बाद बस आउट ऑफ कंट्रोल होकर गहरी खाई में गिर गई थी. इस आतंकी हमले में 9 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन के इशारों पर चलने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी. इस हमले का मास्टरमाइंड अबू कताल ही था.
रियासी बम अटैक और भाटिया दूरियान हमले का मास्टरमाइंड था कताल
इनके अलावा अबू कताल 2017 में हुए रियासी बम अटैक का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें जम्मू-कश्मीर के निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया था. अप्रैल, 2023 में राजौरी-पुंछ के भाटिया दूरियान में हुए सेना की गाड़ी पर हमले को भी अबू कताल ने ही अंजाम दिया था. 2000 के दशक की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर में कताल के गहरे नेटवर्कों की वजह से आतंकी हमलों में तेजी आई. अबू कताल रावलपिंडी में स्थित लश्कर के सीनियर कमांडर साजिद जट्ट को सीधे रिपोर्ट करता था. ये वही साजिद जट्ट है, जिसका नाम राजौरी हमलों में आया था.