जेनसोल इंजीनियरिंग का स्टॉक सोमवार 10 मार्च के कारोबारी सत्र में भी तेज गिरावट के साथ खुला है. कंपनी का स्टॉक 4.31 फीसदी की गिरावट के साथ 308 रुपये के लेवल पर जा फिसला है. दरअसल कंपनी के प्रमोटर्स ने 2.37 फीसदी हिस्सेदारी जो कि 9 लाख शेयर्स के बराबर है उसे बेच दिया है जिसके चलते स्टॉक में गिरावट देखने को मिली है. 2025 में जेनसॉल इंजीनियरिंग का शेयर 70 फीसदी तक नीचे गिर चुका है.
स्टॉक एक्सचेंज के पास फाइल किए गए रेगुलेटरी फाइलिंग में रिल्यूएबल एनर्जी और इलेक्ट्रक मोबिलिटी सोल्युशंस से जुड़ी कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (Gensol Engineering Limited) ने बताया कि कंपनी की वित्तीय जड़ों को मजबूती देने के लिए और सतत विकास हासिल करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. कंपनी के प्रमोटर्स ने जेनसोल इंजीनियरिंग में अपने 2.37 फीसदी स्टेक जो कि 9 लाख शेयर्स के बराबर है उसे बेचा है. शेयर बेचने से मिले पैसे को प्रमोटर्स इक्विटी के जरिए बिजनेस में निवेश करेंगे. कंपनी ने बताया कि ये कदम बैलेंसशीट की मजबूती और स्टैबिलिटी को सपोर्ट करने के मकसद से लिया गया है. इस ट्रांजैक्शन के बाद जेनसोल इंजीनियरिंग में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी घटकर 59.70 फीसदी पर आ गई है.
जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के स्टॉक में मार्च महीने में तेज गिरावट देखने को मिली है और शेयर 70 फीसदी के करीब नीचे जा फिसला है. रेटिंग एजेंसी केयरएज ने जेनसोल इंजीनियरिंग की रेटिंग घटाकर ‘CARE D’ करने का फैसला लिया है. ये क्रेडिट रेटिंग उन्हें दी जाती है, जो फॉल्ट कर चुके हैं या डिफॉल्ट करने की कगार पर खड़े हैं. इसके बाद ICRA रेटिंग्स ने भी 2,050 करोड़ रुपये की कुल रकम को भी डिफॉल्ट में डाउनग्रेड कर दिया. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऐसा कंपनी की ओर से पेश किए गए झूठे दस्तावेजों की वजह से किया गया है जिसमें पहले समय पर लोन चुकाने का दावा किया गया था.
हालांकि कंपनी ने इन दावों को झूठा करार दिया है और मामले की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने की योजना बनाई है. इसके चलते बाजार में कंपनी में कॉरपोरेट गर्वेंस को लेकर चिंता जाहिर की गई और इसके चलते जेनसोल इंजीनियरिंग के स्टॉक की जबरदस्त पिटाई देखने को मिली है. 28 फरवरी 2025 को स्टॉक 535 पर क्लोज हुआ था. 24 जून 2024 को जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर ने 1124 रुपये का हाई बनाया था. और उस लेवल से स्टॉक 73 फीसदी नीचे फिसल चुका है.