Income Tax Rebate: केंद्र सरकार ने पिछले पांच सालों में टैक्स छूट के जरिए इंडीविजुअल्स (Individuals) और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) के कैटगरी में आने वाले टैक्सपेयर्स को कुल 8.7 लाख करोड़ रुपये की छूट दी है. लोकसभा में सरकार ने जो डेटा दिया उससे ये जानकारी सामने आई है.
सरकार की ओर पेश किए डेटा के मुताबिक इंडीविजुअल्स और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली को सरकार ने पांच सालों में जहां 8.7 लाख करोड़ रुपये का टैक्स छूट दिया है जो कि कॉरपोरेट जगत को दिए गए टैक्स छूट के दोगुना है. जबकि इसी पांच सालों के अवधि के दौरान कॉरपोरेट जगत को सरकार ने 4.5 लाख करोड़ रुपये का टैक्स छूट दिया है. दरअसल सरकार पर कॉरपोरेट जगत के साथ खड़े होने का आरोप विपक्ष लगाता रहा है. वित्त वर्ष 2025-26 के के लिए एक फरवरी को बजट पेश करने से पहले सरकार पर मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास विरोधी होने का आरोप लगता रहता था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी और एलान किया कि न्यू टैक्स रिजीम के तहत सालाना 12 लाख रुपये कमाने वालों को अब कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना होगा. इससे मिडिल क्लास पर से टैक्स का बोझ कम होगा जिससे उनके हाथों में खर्च करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये आयेंगे. इससे घरेलू खपत सेविंग और निवेश को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट के जरिए सैलरीड पेंशनर्स को बड़ी राहत दी है. ऐसे लोग जो सालाना 12 लाख रुपये तक कमाते हैं उन्हें नए वित्त वर्ष 2025-26 में कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. यानी 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री हो गई है. राहत की बात ये है कि टैक्सपेयर्स को न्यू रिजीम में 75000 रुपये सालाना स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता रहेगा. यानी ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी सालाना इनकम 12.75 लाख रुपये है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा. नए इनकम टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया गया है. 4 लाख रुपये तक के आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
सीनियर सिटीजंस (senior citizens ) को वित्त मंत्री ने बड़ी सौगात दी है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस लिमिट (TDS Limit) को बढ़ाने का एलान किया गया है. सीनियर सिटीजंस के लिए टीडीएस लिमिट को मौजूदा 50000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है. यानी बैंकों में एफडी पर 50000 रुपये तक ब्याज पर जो टीडीएस कटता था उसकी लिमिट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है.