कांग्रेस नेता डॉ. शमा मोहम्मद अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट पर बुरी तरह घिर गई हैं. रोहित शर्मा को लेकर की गई उनकी टिप्पणी पर क्रिकेट फैंस से लेकर राजनीतिक पार्टियां भी उनकी आलोचना कर रही हैं. इस पूरे मामले में शमा मोहम्मद ने अब सफाई भी पेश की है हालांकि इस दौरान भी उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रोहित शर्मा एक खिलाड़ी के तौर पर ओवरवेट हैं.
चिंपियंस ट्रोफी फी में रविवार (2 मार्च) को भारत-न्यूजीलैंड मैच के दौरान शमा मोहम्मद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, ‘रोहित शर्मा एक खिलाड़ी के रूप में मोटे हैं. उन्हें वजन कम करने की जरूरत है! और बेशक भारत के अब तक के कप्तानों में वह सबसे ज्यादा अनइंप्रेसिव कप्तान हैं.’
शमा की इस टिप्पणी पर जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने रोहित शर्मा को वर्ल्ड क्लास परफॉर्मर बताया तो शमा ने जवाब दिया, ‘गांगुली, तेंदुलकर, द्रविड़, धोनी, कोहली, कपिल देव, शास्त्री जैसे पूर्व कप्तानों की तुलना में रोहित में ऐसा क्या विश्व स्तरीय है? वह एक औसत कप्तान होने के साथ-साथ एक औसत खिलाड़ी भी हैं, जिन्हें भारत का कप्तान बनने का सौभाग्य मिला.’ हालांकि जब इन टिप्पणियों पर विवाद बढ़ा तो उन्होंने सारी पोस्ट डिलीट कर दीं.
‘लगता है राहुल गांधी को क्रिकेट में उतारना चाहते हैं’
शमा की यह टिप्पणियां जैसे ही सोशल मीडिया पर आईं तो भारतीय क्रिकेट फैंस ने उन्हें जमकर फटकार लगाना शुरू किया. किसी ने रोहित शर्मा के आंकड़े बताए तो किसी ने कप्तान के तौर पर उनका विनिंग रिकॉर्ड दिखाया. इन सब के बीच बीजेपी ने तो यह तक कह दिया कि क्या कांग्रेस अब राहुल गांधी को क्रिकेट के मैदान में उतारना चाहती है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इसे हर देशभक्त का अपमान बताया.
इंडिया गठबंधन के दल ‘शिवसेना (UBT)’ की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी शमा मोहम्मद की टिप्पणी का विरोध किया. उन्होंने X पर लिखा, ‘मैं क्रिकेट की बहुत बड़ी प्रशंसक नहीं हूं लेकिन खेल में मेरी सीमित रुचि के बावजूद मैं कह सकती हूं कि रोहित शर्मा चाहे उनका वजन बढ़ा हो या नहीं, उन्होंने भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. उनकी प्रतिबद्धता ही मायने रखती है.’शमा मोहम्मद ने सफाई में क्या कहा?
चारों ओर से घिरते देख शमा मोहम्मद ने अपनी सफाई पेश की. उन्होंने कहा, ‘यह खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर एक सामान्य ट्वीट था. यह बॉडी शेमिंग वाली बात नहीं थी. मुझे लगा कि वह ओवरवेट हैं, इसीलिए मैंने ट्वीट किया. मुझे बेवजह निशाना बनाया जा रहा है. लोकतंत्र में बोलने का अधिकार है. मैंने सिर्फ अपनी बात रखी. मैंने जब उनकी तुलना पूर्व कप्तानों से तुलना की तो इसे भी गलत लिया गया. मेरा कहने का मतलब था कि विराट कोहली को देखिए. वह किस तरह अपने साथी खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हैं. मैं यह भी कहूंगी कि जब भारतीय टीम पाकिस्तान से मैच हार गई थी तो कई लोग मोहम्मद शमी को निशाना बना रहे थे. विराट कोहली उस वक्त शमी के साथ खड़े रहे.