केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है. लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने बड़ा कदम उठाया है. सीआरपीएफ ने छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर में नया अभियान शिविर स्थापित किया है. दक्षिण बस्तर माओवादियों के दबदबे वाला क्षेत्र है. सीआरपीएफ नक्सलियों के गढ़ में घुसकर वार करेगी.
अधिकारियों ने बताया कि 13 फरवरी को बल की 196वीं और 205वीं कोबरा बटालियन ने क्षेत्र में और उसके आसपास तैनात अर्धसैनिक बल की विभिन्न अन्य इकाइयों की सहायता से बीजापुर जिले के ‘पुजारी कांकेर’ में अग्रिम अभियान शिविर लगाया. उन्होंने कहा कि अग्रिम अभियान शिविर (एफओबी) पहाड़ियों से घिरे सुदूर क्षेत्र में स्थापित किया गया है. क्षेत्र में दक्षिण और पश्चिम बस्तर डिविजनों के माओवादियों का प्रशिक्षण शिविर, हथियार गोला-बारूद ठिकाने और राशन इकाइयां हैं. सीआरपीएफ की कोबरा इकाई का एक कमांडो एफओबी निर्माण के दौरान इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में घायल हो गया था.
CRPF ने लगाया नया शिविर
वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि क्षेत्र चुनौतीपूर्ण है. यहां सशस्त्र माओवादी कार्यकर्ताओं की पहली बटालियन का संचालन केंद्र है. उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ ने भारी मशीन की सहायता से ऊंचे लाल रंग के स्मारक को ध्वस्त कर दिया. लाल रंग का स्मारक मारे गए कार्यकर्ताओं की याद में माओवादियों ने बनाया था.
नक्सलियों का होगा सफाया
अधिकारी ने कहा कि घोषणा को पूरा करने के लिए नवीनतम श्रंखला में 13वां एफओबी है. एफओबी वामपंथी उग्रवाद के खतरे को समाप्त करने की केंद्र सरकार की घोषणा के तहत बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि माओवादियों के वार्षिक सामरिक जवाबी अभियान (टीसीओसी) शुरू होने से पहले कुछ और शिविर बनाए जाएंगे. अधिकारी ने कहा कि नक्सली गर्मी में सुरक्षा बलों पर हमलों के लिए अभियान शुरू करते हैं. गर्मी के समय जंगल सूख जाते हैं और पेड़ों के पत्ते झड़ जाते हैं.