पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज सुबह (अमेरिकी समयानुसार गुरुवार रात) हुई द्विपक्षीय बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. इनमें पाकिस्तानी आतंकवाद भी एक प्रमुख विषय रहा. दोनों नेताओं ने पाकिस्तान की धरती से संचालित हो रहे आतंकी समूहों के खिलाफ अपने अभियान तेज करने पर जोर दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार को भी यह हिदायत दी गई कि वह अफनी सरज़मीं का इस्तेमाल सीमा पार आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए न होने दें.
पीएम मोदी और ट्रंप के बीच हुई बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय द्वारा दोनों देशों का संयुक्त बयान जारी किया गया. इस बयान में पाकिस्तान का नाम साफ तौर पर आतंकवाद से जोड़ कर लिखा गया. बयान में लिखा गया है, ‘दोनों नेताओं (मोदी और ट्रंप) ने पाकिस्तान से 26/11 मुंबई और पठानकोट हमले के अपराधियों को जल्द से जल्द सजा देने के लिए कहा. पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि उसकी सरज़मीं का उपयोग सीमा पार आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए न किया जाए.’
‘लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ सहयोग बढ़ाएंगे’
भारत-अमेरिका संयुक्त बयान में लिखा गया है, ‘नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद एक वैश्विक संकट है और इससे लड़ा जाना चाहिए. दुनिया के हर हिस्से में आतंकवादियों के जो सुरक्षित ठिकानों हैं, उन्हें खत्म किया जाना जरूरी है. उन्होंने 26/11 मुंबई हमले और 26 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान में एबी गेट बम धमाके जैसे आतंकी हमलों को रोकने के लिए अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई.’
संयुक्त बयान में कहा गया कि आतंकवाद से मिलकर लड़ने के क्रम में अमेरिका ने मुंबई हमले के साजिशकर्चा तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी है. बयान में यह भी कहा गया है कि पीएम मोदी और ट्रंप ने सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी डिलीवरी सिस्टम को रोकने के लिए मिलकर काम करने का भी संकल्प लिया है.
आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा: ट्रंप
पीएम मोदी और ट्रंप के बीच हुई बातचीत के बाद अमेरिका और भारत ने आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण को रोकने, खुफिया जानकारी साझा करने और वैश्विक आतंकवाद विरोधी अभियान में सहयोग बढ़ाने की बात कही है. ट्रंप ने कहा कि कट्टरपंथी आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और इसे रोकने के लिए दोनों देशों का गठबंधन बेहद महत्वपूर्ण होगा.