बीजापुर जिले में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए दो वीर जवानों को बीजापुर पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी गई. इस श्रद्धांजलि समारोह में छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम, डीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा, आईजी बस्तर सुंदरराज पी समेत पुलिस और CRPF के आला अधिकारी मौजूद रहे. STF के जवान वासित रावटे और DRG के जवान नरेश कुमार ध्रुव की शहादत को नमन करते हुए उनके पार्थिव शरीर को उनके गृहग्राम रवाना किया गया.
‘नक्सलियों के गढ़ में जवानों ने दिखाया पराक्रम’
इस मुठभेड़ में जवानों ने नक्सलियों को करारा जवाब दिया. डीजीपी अरुण देव गौतम ने बताया कि दोनों जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों से बहादुरी से लड़ा और वीरगति को प्राप्त हुए. इसके अतिरिक्त जो दो जवान घायल हुए उनका इलाज रायपुर के अस्पताल में चल रहा है. दोनों घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है. इस अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया गया था, उनके कई हथियार जब्त किए गए, जिससे सुरक्षा बलों की बड़ी जीत मानी जा रही है.
‘चुनौतीपूर्ण इलाके में जवानों का साहस’
जिस क्षेत्र में मुठभेड़ हुई, वह नेशनल पार्क का इलाका है, जो चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है और नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता है. लेकिन इस बार सुरक्षा बलों ने उनकी यह सुरक्षा तोड़ दी. जवानों ने सीधे नक्सलियों के गढ़ में घुसकर हमला किया, जिससे नक्सल संगठन को बड़ा नुकसान पहुंचा.
‘नक्सलियों के लिए नहीं बची कोई छुपने की जगह’
डीजीपी गौतम ने कहा कि अब नक्सलियों के पास छिपने की कोई जगह नहीं बची है. बीजापुर की यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और आने वाले समय में नक्सल विरोधी अभियान और तेज किया जाएगा. हम जवानों की यह शहादत व्यर्थ नहीं जाने देंगे, यह छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी.