नए इनकम टैक्स विधेयक को शुक्रवार 7 फरवरी 2025 को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल सकती है जिसके बाद अगले हफ्ते लोकसभा में बिल को पेश किया जा सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2025 के बजट पेश करते हुए नए इनकम टैक्स से जुड़े बिल को संसद में पेश करने का एलान किया था.
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि आपराधिक कानून के संबंध में, हमारी सरकार ने भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता की शुरुआत की थी. अब मैं इस सदन और देश को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नया इनकम टैक्स विधेयक न्याय की उसी भावना को आगे ले जाएगा. नया बिल टेक्स्ट के मामले में चैप्टर और शब्दों दोनों ही में वर्तमान टैक्स कानून के लगभग आधे हिस्से के साथ स्पष्ट और प्रत्यक्ष होगा. टैक्सपेयर्स के साथ टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के लिए इसे समझना आसान होगा, जिससे कर निश्चितता बढ़ेगी और मुकदमेबाजी में भी कमी आएगी.
वित्त मंत्री ने कहा, पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए फेसलेस एसेसमेंट, टैक्सपेयर्स चार्टर, आयकर रिटर्न में तेजी, सेल्फ एसेसमेंट के जरिए 99 फीसदी रिटर्न और विवाद से विश्वास स्कीम को लागू किया है. इसी प्रयासों को जारी रखते हुए टैक्स डिपार्टमेंट के टैक्स डिपार्टमेंट के “पहले भरोसा करें, बाद में जांच करें” की प्रतिबद्धता को दोहराते हैं. मैं अगले हफ्ते नए इनकम-टैक्स विधेयक पेश करने का प्रस्ताव रखती हूं.
नया इनकम टैक्स बिल कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद संसद में पेश किया जाएगा. ये बिल मौजूदा इनकम टैक्स कानून 1961 की जगह लेगा. नए इनकम टैक्स कानून का मकसद टैक्स प्रक्रिया को और सरल और आसान बनाना है. 1961 के बाद पहली बार इनकम टैक्स कानून बनने वाला है. नए कानून पर सीबीडीटी की कमिटी काम भी कर रही है. हालांकि पिछले छह दशकों में कई बार इनकम टैक्स समय समय पर संशोधन किए गए हैं. टैक्सपेयर्स के जेहन में सवाल उठ रहे हैं कि कि इनकम टैक्स बिल में क्या हो सकता है?
क्या हो सकता है नए टैक्स बिल में ?
नए इनकम टैक्स बिल को बेहद सरल और आसान बनाया जा सकता है जिसे टैक्सपेयर्स आसानी से समझ सकें. टैक्सपेयर्स के लिए आने वाले दिनों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax Return Filing) करना बेहद आसान हो सकता है. केंद्र सरकार इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग नियमों को बेहद आसान और सरल करने की तैयारी में है. सरकार बढ़ते टैक्स विवादों (Tax Disputes) को लेकर बेहद परेशान है और करीब 120 बिलियन डॉलर के वैल्यू के बराबर टैक्स मामले विवादों के घेरे में है. नए टैक्स कानून के जरिए इसे कम करने की तैयारी है. नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स कानूनों के तहत फाइनेंशियल ईयर और एसेसमेंट ईयर कहने की प्रैक्टिस को बदला जाएगा और केवल टैक्स ईयर के तौर पर इसे परिभाषित किया जाएगा. इसके अलावा टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एडिशनल फॉर्म्स की संख्या को घटाया जाएगा. वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स को विभाग की ओर से भेजे जाने वाले नोटिस की भाषा को ऐसा बनाने को कह चुकी हैं जिसे टैक्सपेयर्स आसानी से समझ सकें और टैक्स विभाग को जवाब देने के लिए उन्हें वकील हायर नहीं करना पड़े.