अगर आप मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल या व्यावसायिक राजधानी इंदौर में है तो भिखारी को देखकर उससे दूरी बना लीजिए. आप पर भिक्षावृत्ति उन्मूलन अधिकारी की नजर भी पड़ सकती है. यदि ऐसा हुआ और आपने भीख दी तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है. इंदौर और भोपाल में जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का असर भी देखने को मिल रहा है.
इंदौर कलेक्टर आशीष अशीष सिंह ने बताया कि इंदौर में भीख मांगना और भीख देना, दोनों ही कानूनी रूप से गलत है. ऐसे में इंदौर जिले में तीन अपराध अभी तक दर्ज हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि इंदौर में भी उन्मूलन अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोगों को भिक्षा वृत्ति से दूर किया गया है.
कलेक्टर के मुताबिक यह अभियान चलने से पहले इंदौर में साढ़े तीन हजार भिखारी थे जो धार्मिक स्थलों के अलावा प्रमुख चौराहे पर भी भीख मांगते थे. हाल ही में इंदौर के लसूड़िया थाने में भीख देने का मामला दर्ज किया गया है. इसी प्रकार भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने भी भोपाल में भिक्षावृत्ति को लेकर अभियान छेड़ रखा है. यह अभियान महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से तेजी से चलाया जा रहा है.
जन सहयोग से अभियान को मिली सफलता
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि जन सहयोग से इस अभियान को सफलता मिली है. महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी लगातार निगाह रख रहे हैं. इसके अलावा लोगों को भी समझाया गया है कि वे भी भिक्षा वृत्ति को कभी भी बढ़ावा ना दे.
भिखारी की सूचना देने पर 1000 का इनाम
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इंदौर में जिला प्रशासन ने एक अभियान चलाया गया था जिसमें भिखारी की सूचना देने वाले को ₹1000 का इनाम देने की बात कही गई थी. इस घोषणा के बाद भिखारी को लेकर लगातार सूचनाओं मिल रही है, जिसके चलते अभियान आगे बढ़ता चला गया.