धमतरी/ ग्राम कोसमरा में भगवान शिव की मूर्ति को खंडित किए जाने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पूरे गांव में गहरा आक्रोश और तनाव का माहौल पैदा कर दिया था। इस घटना से आहत हिंदू समाज ने एकजुट होकर विरोध जताया और उग्र आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल, धमतरी के नेतृत्व में प्रशासन पर दबाव बनाया गया कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए और न्याय सुनिश्चित किया जाए।
प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी हिरवंशी ध्रुव (पिता- ध्रुव कुमार ध्रुव) को गिरफ्तार किया। जांच में यह सामने आया कि आरोपी और उसका परिवार ईसाई धर्म अपना चुका था और मिशनरियों के षड्यंत्र के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया था। इसका उद्देश्य गांव के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ना और हिंदू समाज की आस्था को ठेस पहुंचाना था।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जिला मंत्री रामचंद्र देवांगन के नेतृत्व में गांववासियों को संगठित कर हालात को नियंत्रण में रखा और प्रशासन को मजबूर किया कि वह दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई करे। इसके साथ ही, खंडित मंदिर में भगवान शिव की नई मूर्ति स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जिला मंत्री श्री रामचंद्र देवांगन ने अपने संबोधन में कहा: “हिंदू समाज आज संगठित, सशक्त और जागरूक है। हम धर्म की रक्षा और सेवा के प्रति पूर्णतः समर्पित हैं। हिंदू धर्म के खिलाफ होने वाले किसी भी षड्यंत्र या अधर्म को सहन नहीं किया जाएगा। हिंदू समाज अपने सहयोगियों के लिए सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर है, लेकिन विधर्मियों और साजिशकर्ताओं के खिलाफ उचित कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेगा। हमारे लिए ‘अहिंसा परमो धर्मः’ का पालन आवश्यक है, लेकिन ‘धर्म रक्षा तदेवच’ का भी बोध हमें है।”
इस आयोजन में जिला सह मंत्री श्री दीपक सोनी, श्री गुहन दास मानिकपुरी, श्री मनीष, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ता, ग्राम कोसमरा के वरिष्ठ नागरिक, माताएं, बहनें और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने “हर हर महादेव” के जयघोष के साथ भगवान शिव की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में भाग लिया।
गांव के नागरिकों ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं तथा जिला मंत्री श्री रामचंद्र देवांगन का आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों ने इस आयोजन को सफल बनाने और मंदिर को पुनः स्थापित करने के लिए संगठन के प्रति धन्यवाद प्रकट किया।
गांव के सभी नागरिकों ने संगठन के साथ जुड़कर समाज और धर्म की रक्षा के लिए एकजुटता और समर्पण का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि गांव में सामाजिक समरसता और संगठन की शक्ति का उदाहरण भी प्रस्तुत किया।